न् जाने कितने दिनों से मन में एक बात दबी हुई थी कि राजस्थान के किसी गांव में प्रवास करूँ। न जाने क्यों बचपन से ही राजस्थान के रेत, इसके रंग और यहाँ की लोक कला मुझे आकर्षित करती रही है। जयपुर से प्रकाशित एक बाल पत्रिका के माध्यम से मैं इस राज्य के बहुत ही करीब आ गया था। राजे रजवाड़े, कुछ पुरानी प्रथाएँ, ऊंट, बड़े पगड़ी वाले ग्रामीण, सफ़ेद चूडियों वाली महिलाएं, घूमर और लावनी के बोल, बाजरे की खुशबू और न जाने कितनी बातें जो मेरे मन में अक्सरहां आ जाती थीं. जन्म तो बिहार में हुआ है जो सांकृतिक रूप से काफी समृद्ध रहा है. जब तक खुद को समझ पाता तब तक मैं एक अलग राज्य में था जो पहले अविभाजित बिहार का ही एक भाग था. अब उस राज्य को झारखण्ड कहते हैं. उसके भी अपने रीति –रिवाज अपनी परम्पराएं हैं. ये तो सच है कि हर जगह की अपनी –अपनी कुछ न कुछ खासियत होती है. अपनी लोक कला होती है जो उसकी पहचान है. पर राजस्थान इन सबसे अनूठा है. कल सुबह मुझे नरहेट गांव घूमने का मौका मिला. यहाँ मैं एक प्रशिक्षण के लिए आया हुआ हूँ. बहुत सारे लोग आये हुए हैं अलग-अलग राज्यों से और अलग –अलग पहचान वाले. हुआ यूँ कि मेरे मोबाईल में बैलेंस नहीं था. रिलायंस का फोन यहाँ काम नहीं कर रहा है. इसलिए मैं गांव में चला गया. कई दुकानों में पूछता रहा. पर कहीं भी रिचार्ज नहीं मिल रहा था.सच बताऊँ मेरी भी इच्छा नहीं थी कि मुझे जल्दी से ही रिचार्जे लेकर लौटना पड़े. मेरी उत्सुकता न जाने क्यों बढ़ी हुई थी कि मैं इस गांव को अंदर जाकर देखूं. एक दुकान वाले ने मुझे बताया की आपको गांव के अंदर जाकर रिचार्ज करना होगा. मुझे एक लड़के ने कुछ दूर अंदर ले जा कर बताया की उस घर के अंदर चले जाना वहाँ एक दुकान है वहीँ से आपको रिचार्ज मिल जायेगा. गांव काफी साफ़ सुथरा है. लगभग हर घर में ही कालीन की लूमें दिखाई दे रही थीं. कहीं बकरियों के मिमियाने की आवाज़ सुनाई दे रही थी तो कहीं हुक्के की गुड-गुड. मैं उस दुकान पर पहुंचा. मुझे देखते ही वह समझ गया की कोई परदेशी है. गांव के लोगों की एक खास बात होती है की वे अपने गांव के लोगों को अच्छी तरह से पहचानते हैं चाहे गांव बड़ा हो या फिर छोटा. नरहेट के घर काफी साफ़ सुथरे हैं ये देखने से पाता चला. ज्यादतर घर पक्के हैं. स्कूलों की संख्या काफी अच्छी खासी है. लोगों का व्यवहार भी काफी अच्छा है. कुल मिलाकर कहा जाये तो ये अच्छे और समझदार लोगों के सपनों का गांव है जो मुझे बहुत ही पसंद आया. आते वक्त दिल से एक ही बात इस गांव के लिए निकल रही थी - नरहेट, तुम हमेशा याद रहोगे.
1 comment:
tumhare is lekh k sath mujhe v yeh jagah ab yaad rhegi.
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